Sunday, May 22, 2011

इश्क कर के जाना की वो थी कितनी बेवफा

बाग़ में अब कुछ नही काँटों के सिवा ।
जिंदगी में अब रखा क्या है तेरी यादो के सिवा ।
जहर निकला जिसे हमने माना था दावा ।
इश्क कर के जाना की वो थी कितनी बेवफा ।

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