सीधे दिल से
Saturday, October 27, 2012
आजमाते रहे उनके गिरते जमीर की इन्तेहा
वो बेवफा समझते है की उन्होंने हमें शह और मात कर दिया!
पर वो नादान क्या जाने की उनकी हर चाल हमें काफी पहले ही पता थी!!
हमें मिटाने की उनकी एसी हस्ती ही थी कहाँ!
हम तो खुद ही आजमाते रहे उनके गिरते जमीर की इन्तेहा!!
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment